चाणक्य की नीति के अनुसार इस आदत को करने से बरबादी, दरिद्रता आती है

  • जहां स्त्रियों का अपमान होता है, जहां उनका सम्मान नहीं होता, वहां लक्ष्मी का वास नहीं होता
  • जो पैसे की कदर नहीं करते वो गरीब हो जाते हैं
  • यदि वे कल के लिए काम छोड़ देंगे तो वे खुश नहीं होंगे

महान गुरु चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य में कुछ छोटे-छोटे दोष होते हैं जो उसकी दरिद्रता का कारण बनते हैं। इससे लक्ष्मी घर से चली जाती है और व्यक्ति को धन की हानि होती है। चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति रात के समय किचन में गंदे बर्तन रखता है उसके घर में मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है। क्रॉकरी को चूल्हे पर या उसके पास नहीं रखना चाहिए। यह गरीबी को बढ़ाता है और व्यक्ति के सम्मान को कम करता है।

चाणक्य कहते हैं कि जहां नारी का अपमान होता है, जहां उनका सम्मान नहीं होता, वहां लक्ष्मी का वास नहीं होता। वह अमीर हो या गरीब, मनुष्य का बुरा व्यवहार, उसकी असभ्य भाषा उसे दरिद्रता के मार्ग पर ले जाती है। चाणक्य नीति कहती है कि शाम के समय घर में झाडू लगाने से घर से बरकत दूर हो जाती है। संध्या काल मां लक्ष्मी के आगमन का समय है। यदि आप सूर्यास्त के बाद झाडू लगाना शुरू करते हैं, तो कूड़ेदान को घर के अंदर ही रखें।

चाणक्य कहते हैं कि लोग हमेशा आर्थिक तंगी से गुजरते हैं, जिन्हें पैसे की कद्र नहीं होती, जो फिजूलखर्ची पर नियंत्रण नहीं रखते। ऐसे लोगों के सिर से मां लक्ष्मी का हाथ उठता है। धन कमाने के लालच में या धन के लिए धन का दुरूपयोग व्यक्ति को दूसरों को हानि पहुँचाने के लिए विनाश के कगार पर ले आता है। ऐसा धन भले ही एक पल के लिए सुख दे, लेकिन फिर सारी पूंजी हाथ से निकल जाती है। इसलिए थोड़े से सुख के लिए पथभ्रष्ट न हो जाएं।

चाणक्य कहते हैं कि जो लोग ठीक से नहीं रहते हैं, इसका मतलब है कि वे अपने काम को कल तक के लिए टाल देते हैं, जिनके उठने का समय निश्चित नहीं होता है। ऐसे लोग जल्दी दरिद्र हो जाते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा दुख मूर्ख होना है। यदि मनुष्य मूर्ख है तो उसे जीवन में कभी सुख नहीं मिलेगा। जीवन में ठोकर खाते हुए उसे दर्द और अपमान सहना पड़ता है। बुद्धि के बिना कोई कभी उन्नति नहीं कर सकता।

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